मेरी कलम से

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मुंगेर प्रमंडल की ऐतिहासिक व भौगोलिक परिस्थिति इसे एक पूर्ण विकसित क्षेत्र होने के योग्य बनाती है।इस प्रमंडल में मैदानी व पठारी भूभाग के अलावा गंगा के किनारे का विशाल दियारा,मोकामा टाल, खड़गपुर,तारापुर, संग्रामपुर,असरगंज के धनहर क्षेत्र,मगध को छूता शेखपुरा जिला।मुंगेर व जमुई जिले का मनोरम व घने जंगल व पहाड़ इन जंगलों के बीच बने डैम व गर्म पानी के कुंड प्रमंडल की अमूल्य धरोहर हैं।इस प्रमंडल के मुंगेर,बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा व जमुई में प्रचीन ऐतिहासिक अवशेषों के अलावा अनेक प्राचीन पर्यटक व धार्मिक स्थल मौजूद हैं।मुंगेर के खड़गपुर स्थित खड़गपुर झील,गर्मपानी का झरना भीमबांध,सीताकुंड, ऋषिकुंड,काली पहाड़ी,मुंगेर स्थित विश्वप्रसिद्ध बिहार योग विद्यालय पर्यटकों के आकर्षक केंद्र के रूप में विकसित किये जा सकते हैं।इस प्रकार जमुई के लछुआड़ स्थित महावीर जैन की पवित्र भूमि,शेखपुरा का गिरहिंडा पहाड़,गिधौर का राज भवनसिमुलतला का आवासीय विश्व,लखीसराय के चानन स्थित महर्षि श्रृंगीऋषि की तपोभूमि, डैम,जलप्प स्थान,अशोकधाम इत्यादि पर्यटन के मुख्य केंद्र हो सकते हैं।बेगूसराय जिले का विश्वप्रसिद्ध काबर झील जिसे एशिया के सबसे बड़ा मीठे पानी का झील कहा जाता है फिलहाल पक्षी अभयारण्य के तौर पर जाना जाता है।
बेगूसराय में बिहार की एकमात्र नवरत्न कम्पनी बरौनी रिफाइनरी कार्यरत है।पहले से स्थापित उर्वरक कम्पनी का नविकरण जोरों से हो रहा है एवं BTPS को NTPC को सौंपने से उसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने का कार्य भी तीव्र गति से जारी है।
कुल मिलाकर यदि देखा जाय तो मुंगेर प्रमंडल उन तमाम विशेषताओं से लबरेज है जो किसी जिले,प्रमंडल के विकास को आधार तैयार करते हैं।
मुंगेर प्रमंडल मुख्यालय को खगड़िया व बेगूसराय से जोड़ने वाले चिरप्रतीक्षित गंगा पुल का उद्घाटन तो हो गया पर इसका न तो सड़क मार्ग अबतक आवागमन के लिये  खोला नहीं गया  न ही रेल यातायात को और सुगम बनाने की सरकार की तरफ से कोइ पहल की जा रही है।
अभी मुंगेर प्रमंडल की राजनीतिक हैसियत थोड़ी मजबूत है।अभी मुंगेर से जदयू के कद्दावर  नेता ललन बाबू मुंगेर से,भाजपा के फायरब्रांड नेता मां गिरिराज सिंह बेगूसराय से सांसद हैं तो लोजपा के नए सुप्रीमो चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं।एक बोनस मां राकेश सिन्हा जी है जो बेगूसराय के वासी हैं और राज्यसभा सांसद हैं।एक आर एस एस के विचारक के रूप में जाने जाते हैं और सत्ता के गलियारों में उनकी पकड़ बहुत अच्छी है।तो कुल मिलाकर अभी बेगूसराय सहित सम्पूर्ण प्रमंडल का यह स्वर्णिम काल है अब देखना यह है आज के ये कद्दावर नेता अपनी जन्मभूमि के लिये कुछ कर पाते हैं या अपना कद व तिजौरी बड़ा करने के फेर में लगे रहते हैं।
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