
केंद्र सरकार द्वारा कीमत पर अंकुश लगाने के लिए प्याज के लिए आयात के नियमों में दी गई ढील का फिलहाल राजधानी के लोगों पर कोई असर नहीं होगा। प्याज के कीमत में राहत के लिए पटनावासियों को अभी कुछ और इंतजार करना होगा। आने वाले तीन से चार दिनाें में प्याज की कीमत बढ़ेगी तो नहीं पर 75-80 रुपए प्रति किलो से कम होने की भी उम्मीद नहीं हैं।
वहीं केंद्र सरकार द्वारा बफर स्टॉक को बाजार में लाने का पटना में प्याज की कीमत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। पटना में ज्यादातर प्याज महाराष्ट्र के नासिक, मध्यप्रदेश के इंदौर से आता है। इसके अलावे राजस्थान और गुजरात से भी प्याज के कुछ खेप आती है। नासिक और इंदौर की कीमतों का ही पटना के प्याज मंडी पर फर्क पड़ेगा।
नासिक से प्याज की अगली खेप इस हफ्ते के आने की संभावना है। जिसके बाद वहां के भाव के मुताबिक पटना के प्याज व्यवसायी कीमतें तय करेंगे। पटना में पिछले दो दिनों से खुदरा बाजार में प्याज 75 से 80 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है।
पुराना स्टॉक खत्म होने तक व्यवसायी कीमतों में नहीं आने देंगे कमी: प्याज के थोक व्यवसायी राजू प्रसाद ने बताया कि कीमतों के बढ़ने के बाद कई थोक और खुदरा विक्रेताओं ने प्याज का स्टॉक कर लिया है, जिसे वे बढ़े हुए खरीद दाम के मुताबिक ही बेचेंगे। नासिक में कीमतें स्थिर रहीं या कम हुईं तो नई खेप आने के बाद प्याज की कीमत और कम हो सकती है, पर इसमें भी तीन-चार दिन लग सकते हैं। ज्यादा राहत डेढ़ महीने बाद प्याज की नई फसल के आने के बाद मिलेगी।
बारिश से फसल हुई खराब, 60 लाख क्विंटल प्याज की कमी का अनुमान
दक्षिण के राज्यों में बारिश से बड़े पैमाने पर फसल खराब हो गई। इससे पैदावार प्रभावित होगी और इस बार बाजार में करीब 60 लाख क्विंटल प्याज कम आने की आशंका है। मांग के मुकाबले सप्लाई घटने से रेट ऊंचे रह सकते हैं। सप्लाई अभी से ही गड़बड़ाने लगी है और प्याज की कीमतों पर असर भी दिखने लगा है।
हालांकि अन्य राज्यों से उपज आने और आयात से राहत मिलने की उम्मीद है। उधर, नासिक की मंडियों में प्याज प्रति क्विंटल 10,000 रुपए तक में बिका है। रबी सीजन की उपज पहले ही कम रही थी और सितंबर-अक्टूबर में बारिश से खरीफ की फसल भी खेतों में सड़ गई। किसानों का भी बड़ा नुकसान हुआ है।
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केंद्र सरकार द्वारा कीमत पर अंकुश लगाने के लिए प्याज के लिए आयात के नियमों में दी गई ढील का फिलहाल राजधानी के लोगों पर कोई असर नहीं होगा। प्याज के कीमत में राहत के लिए पटनावासियों को अभी कुछ और इंतजार करना होगा। आने वाले तीन से चार दिनाें में प्याज की कीमत बढ़ेगी तो नहीं पर 75-80 रुपए प्रति किलो से कम होने की भी उम्मीद नहीं हैं।
वहीं केंद्र सरकार द्वारा बफर स्टॉक को बाजार में लाने का पटना में प्याज की कीमत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। पटना में ज्यादातर प्याज महाराष्ट्र के नासिक, मध्यप्रदेश के इंदौर से आता है। इसके अलावे राजस्थान और गुजरात से भी प्याज के कुछ खेप आती है। नासिक और इंदौर की कीमतों का ही पटना के प्याज मंडी पर फर्क पड़ेगा।
नासिक से प्याज की अगली खेप इस हफ्ते के आने की संभावना है। जिसके बाद वहां के भाव के मुताबिक पटना के प्याज व्यवसायी कीमतें तय करेंगे। पटना में पिछले दो दिनों से खुदरा बाजार में प्याज 75 से 80 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है।
पुराना स्टॉक खत्म होने तक व्यवसायी कीमतों में नहीं आने देंगे कमी: प्याज के थोक व्यवसायी राजू प्रसाद ने बताया कि कीमतों के बढ़ने के बाद कई थोक और खुदरा विक्रेताओं ने प्याज का स्टॉक कर लिया है, जिसे वे बढ़े हुए खरीद दाम के मुताबिक ही बेचेंगे। नासिक में कीमतें स्थिर रहीं या कम हुईं तो नई खेप आने के बाद प्याज की कीमत और कम हो सकती है, पर इसमें भी तीन-चार दिन लग सकते हैं। ज्यादा राहत डेढ़ महीने बाद प्याज की नई फसल के आने के बाद मिलेगी।
बारिश से फसल हुई खराब, 60 लाख क्विंटल प्याज की कमी का अनुमान
दक्षिण के राज्यों में बारिश से बड़े पैमाने पर फसल खराब हो गई। इससे पैदावार प्रभावित होगी और इस बार बाजार में करीब 60 लाख क्विंटल प्याज कम आने की आशंका है। मांग के मुकाबले सप्लाई घटने से रेट ऊंचे रह सकते हैं। सप्लाई अभी से ही गड़बड़ाने लगी है और प्याज की कीमतों पर असर भी दिखने लगा है।
हालांकि अन्य राज्यों से उपज आने और आयात से राहत मिलने की उम्मीद है। उधर, नासिक की मंडियों में प्याज प्रति क्विंटल 10,000 रुपए तक में बिका है। रबी सीजन की उपज पहले ही कम रही थी और सितंबर-अक्टूबर में बारिश से खरीफ की फसल भी खेतों में सड़ गई। किसानों का भी बड़ा नुकसान हुआ है।
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