केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि आरक्षण को लेकर भाजपा कानून से अलग कुछ नहीं करेगी। यही नहीं आगे भी कुछ करने नहीं जा रही है। आरक्षण को लेकर वह कानून के दायरे में ही हर फैसला लेगी। रविशंकर प्रसाद के इस बयान यह साफ हो गया है कि भाजपा इसको लेकर किसी भी तरह के विवाद में नहीं पड़ना चाहती है।भाजपा को अपने सवर्ण वोटरों के बिदकने का खतरा दिखाई दे रहा है। लिहाजा भाजपा ने इस पर अपनी सफाई पेश कर दी।
वहीं, केन्द्रीय मंत्री ने तेजस्वी के नया बिहार बनाने के दावे को हास्यास्पद बताया। कहा कि लालू-राबड़ी शासन का जंगलराज कोई नहीं भूला है। तेजस्वी को अपने दावे के पहले बताना चाहिए कि उनके पिता के राज में पटना में कितने डॉक्टरों का अपहरण हुआ था? कितने डॉक्टरों के यहां रंगदारी के लिए स्लिप जाया करती थी?
व्यापार बंद हुए, ठेके के बदले जमीन लिखाओ और माल बनाओ का नारा चलता था। उस समय खौफ, अपहरण, रंगदारी, फिरौती का मंजर था। जिसके शासन की पहचान अपराध-लूट-रंगदारी से थी, वह नया बिहार कैसे बना सकता है। वे इसका जवाब नहीं देते। रविशंकर शुक्रवार को पार्टी के 11 संकल्पों को लेकर पत्रकारों से रूबरू थे।
सीएम ने जनसंख्या आधारित आरक्षण की बात कही थी
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को वाल्मीकिनगर की सभा में जनसंख्या आधारित आरक्षण की बात कही थी। उन्होंने कहा कि जनसंख्या आधारित आरक्षण लागू होना चाहिए। मुख्यमंत्री के इस बयान के पीछे अति पिछड़ा वोट बैंक की गोलबंदी की कोशिश दिखाई दे रही है।
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