पटना नगर निगम में काम करने वाले एजेंसियों के कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने में कामयाबी नहीं मिल पा रही है। निजी एजेंसी के कर्मचारियों को तीन माह का वेतन नहीं मिल पा रहा है। इस मामले को लेकर निजी एजेंसी के कर्मचारियों ने अपने आक्रोश का प्रदर्शन किया है।
उनका कहना है कि वेतन की मांग करने पर एजेंसी हमें काम से निकालने की धमकी देती है। नूतन राजधानी अंचल के कर्मचारी इस मामले को लेकर काम बंद कर दिए थे। निगम प्रशासन के आश्वासन के बाद उन्होंने काम शुरू कर दिया है।
पटना नगर निगम चतुर्थवर्गीय कर्मचारी संघ के महासचिव नंदकिशोर दास ने कहा कि एजेंसी के कर्मचारियों का हाल सुधारने की कोशिश भी नहीं की जा रही है। निगम प्रशासन को इनकी दुर्दशा के बारे में जानकारी दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले को श्रमायुक्त के सामने भी उठाया गया। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
महासचिव व अन्य कर्मचारी नेताओं ने तत्काल नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा से कर्मचारियों की इस समस्या के समाधान की मांग की। कर्मचारियों ने तीन माह के बकाए के भुगतान की मांग की। निगम प्रशासन की ओर से निजी एजेंसी के कर्मचारियों को 10 नवंबर तक वेतन भुगतान किए जाने का भरोसा दिलाया गया है।
इसके बाद कर्मचारियों ने वापस काम पर लौटने का निर्णय लिया। कर्मचारी संघ ने निगम प्रशासन से निजी एजेंसियों की कार्य प्रणाली की जांच कराने की मांग की है, ताकि कर्मचारियों की परेशानी को दूर करने में मदद मिले।
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