वादे और दावे के बीच ही उलझता रहा है पू. चंपारण; कमाया कम, गंवाया अधिक

पूर्वी चंपारण में चुनावी बयार कुछ अधिक ही तीखी है। कुछ सीटों पर मतदाताओं का रुख बता रहा है कि मुकाबला यहां सीधा नहीं है, बल्कि महागठबंधन और एनडीए को अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए नाको चने चबाने होंगे। सबसे अधिक मुसीबत में उन्हें अपनों ने ही डाला है।

भाजपा और जदयू प्रत्याशियों को बागियों ने दहशत में डाल रखा है तो महागठबंधन की स्थिति भी कमोबेश ऐसी ही है। चुनाव मैदान में डटे सीटिंग एमएलए को कई स्थानों पर तीखे सवाल से जूझने पड़ रहे हैं तो अन्य प्रत्याशियों से भी भविष्य का एजेंडा पूछा जा रहा है। यानी, आमतौर पर मौन रहने वाले मतदाता इस बार मुखर दिख रहे हैं। वादे और दावे के बीच उलझते रहने वाले इस जिले के हिस्से में उपलब्धियां कम आईं हैं, गंवाया अधिक है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय जरूर बन गया, पर जरूरी संसाधन से यह अब भी वंचित है। चीनी मिलों में अबतक ताले लटके हैं। हर वर्ष बाढ़ का रूप विकराल होता जा रहा है। इससे बचाव के वादे कागजों में दफन हैं। सबसे भद्दा मजाक तो उस मोतीझील के साथ हो रहा है, जिसके नाम पर जिला मुख्यालय का नामकरण मोतिहारी किया गया है।

शहर के मध्य में स्थित इस झील को पर्यटन के लिए विकसित करने के नाम पर पिछले कई चुनावों से वोट बटोरे जाते हैं। चुनाव से ऐन पहले जलकुंभी निकालने तक का काम होता है, फिर मतदाताओं की तरह उसे भी उसी हाल में छोड़ दिया जाता है। उचित प्रबंधन के अभाव में यहां से देश को सैकड़ों डॉक्टर देने वाले आयुर्वेदिक काॅलेज का एफिलिएशन अब खत्म हो गया है।

चुनाव के अब महज दो दिन शेष रह गए हैं, सो लोग इन बातों की चर्चा कर अपनी-अपनी खीज उतार रहे हैं। बापू की कर्मस्थली रहे पूर्वी चंपारण के मतदाता बस इस उम्मीद में इस बार भी वोट डालेंगे कि ...किए जा रहे वादे शायद इस बार उनके प्रतिनिधि पूरे कर दें।
राजग-महागठबंधन दोनों को लगाना पड़ेगा पूरा जोर

  • गोविंदगंज: यहां एलजेपी ने निवर्तमान विधायक राजू तिवारी को उतारा है। भाजपा से सुनीलमणि तिवारी हैं। कांग्रेस ने ब्रजेश कुमार को जीत के लिए भेजा है। यहां कैडर वोट मायने रखेगा। कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं।
  • केसरिया: जदयू ने शालिनी मिश्रा तो आरजेडी ने सीटिंग एमएलए डॉ. राजेश का टिकट काट संतोष कुशवाहा को उतारा है। डॉ. राजेश निर्दलीय डटे हैं। वहीं, शालिनी को भाजपा के बागी रामशरण चुनौती दे रहे हैं।
  • मधुबन: सहकारिता मंत्री राणा रंधीर सिंह मैदान में हैं। आरजेडी के मदन प्रसाद चुनौती दे रहे हैं। पूर्व विधायक शिवजी राय जाप से हैं। मंत्री के लिए निगेटिव प्वाइंट यह है कि इस बार वैश्य वोटरों में सेंधमारी होगी।
  • पिपरा: बीजेपी ने निवर्तमान विधायक श्याम बाबू यादव को उतारा है। महागठबंधन ने माकपा के राजमंगल प्रसाद हैं। राजमंगल क्षेत्र में पिछले पांच वर्ष में किए गए काम और वादे को लेकर बीजेपी प्रत्याशी को घेर रहे हैं।
  • कल्याणपुर: बीजेपी ने सीटिंग एमएलए सचींद्र प्र. सिंह को उतारा है। आरजेडी ने मनोज यादव हैं। वे पूर्व एमएलए यमुना यादव के पुत्र हैं। बसपा प्रत्याशी बदीउज्जमां ने मुकाबले को रोचक बना दिया है।
  • हरसिद्धि: बीजेपी ने पूर्व विधायक कृष्णनंदन पासवान को टिकट दिया है। आरजेडी ने सीटिंग एमएलए राजेंद्र कुमार की जगह कुमार नागेंद्र बिहारी को उतारा है। रालोसपा के रमेश पार्टी के नाम पर वोट मांग रहे हैं।


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मोतिहारी शहर के बीच में स्थित मोतीझील, जहां विकास के बाद पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।
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