Munger Times
नए किसान कानून के विरोध में किसानों का दिल्ली मार्च ,मुंबई के बाद दिल्ली में दस्तक
नई दिल्ली: हरियाणा से लगी सीमा पर पुलिस के साथ झड़प के बाद नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसानों को आज दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। दिल्ली पुलिस ने पहले तो उन्हें दिल्ली प्रवेश की इजाजत दी ,भरी घेराबन्दी में जुलुस को आगे बढ़ने दिया परन्तु जगह जगह पुलिस द्वारा किसानों पर लाठी चार्ज करने ,अश्रुगैस के गोले छोड़े जाने व् वाटर कैनन से रोके जाने की खबर है। मालूम हो की किसान केंद्र सरकार द्वारा पारित नए कृषि बिल का विरोध कर रहे हैं। इस बिल के विरोध में किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का आह्वान किया था। दिल्ली पोल्स द्वारा न नुकुर के बाद उन्हें दिल्ली में प्रवेश करने दिया व् बुराड़ी के पास एक मैदान में सभा करने की इजाजत भी दी गयी था।
किसानों की कमाई में तथाकथित सुधार लाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीन नए कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसानों और विपक्षी दलों का आरोप है कि कानून किसानों को उनकी उपज के न्यूनतम मूल्य से वंचित करेगा और उन्हें कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ देगा।
पुलिस ने दिल्ली के बाहरी इलाके में कुछ स्थानों पर आंसू गैस के कई राउंड फायर किए और पानी के तोपों का इस्तेमाल किया। कुछ प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड्स, झंडे और लाठी लहराते हुए , पत्थर फेंकते हुए देखा गया।
किसानों और दिल्ली पुलिस के बीच हरियाणा से प्रवेश के विभिन्न बिंदुओं पर पांच घंटे से अधिक समय तक टकराव चला। अपने "दिल्ली चलो" के विरोध में किसानों को राजधानी में घुसने से रोकने के लिए पुलिस ने रेत से भरे ट्रकों को खड़ा किया और कंटीले तारों की बाड़ लगाई थी।
पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कोरोनोवायरस नियमों का हवाला दिया। दिल्ली के पुलिस ने कहा, "हम दिल्लीवासियों को खतरे में नहीं डालेंगे।" लेकिन बाद में, पुलिसकर्मियों को किसानों को आगे बढ़ने के लिए निर्देश दिए गए ।
किसान नेताओं ने सवाल किया कि कोविद के दिशानिर्देशों को केवल उन पर ही क्यों लागू किया जा रहा है । उन्होंने तंज कसते हुए कहा की 'बिहार में चुनाव" के बारे में सरकार का क्या रवैय्या था ?
दिल्ली पुलिस ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए शहर के नौ स्टेडियमों को "जेलों" में तब्दील करने का अनुरोध किया, जिसे शहर की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने खारिज कर दिया।
किसानों को दिल्ली में प्रवेश आसान करने के लिए गुड़गांव और दिल्ली के बीच यातायात को धीमा कर दिया गया सीमा चौकियों पर वाहनों की जाँच की गई। कल, सुरक्षा प्रतिबंधों के कारण राजमार्ग पर भारी जाम लगा हुआ था ।छह राज्यों, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल और पंजाब के किसान, दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं और महीनों से योजनाबद्ध विरोध के लिए शहर के केंद्र में राम लीला मैदान में रैली करने की मांग पर अड़े हैं ।
किसानों के संयुक्त मोर्चा,में सात बड़े व 500 छोटे किसान संगठन शामिल हैं, का कहना है कि उन्होंने पीएम को पत्र लिखकर किसानों की समस्या के बारे में बताने की कोशिश की है परन्तु सकारात्मक जबाव न मिलने पर उन्होंने दिल्ली कुछ करने का इरादा किया। मोर्चे के हरियाणा प्रवेश करते ही उनकी पुलिस से झड़पें होती रही। पुलिस द्वारा रोके जाने पर उन्होंने बार्रिकडेस तोड़ दिए ,पुलिस पर पत्थर बरसाए और आगे बढ़ते रहे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने किसानों को रोकने के लिए भारी बल का उपयोग किया गया है - अपने पंजाब के समकक्ष अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए, विरोध प्रदर्शन के लिए उकसाने और महामारी के दौरान "सस्ती की राजनीति" करने ने का आरोप लगाया।
किसानों की कमाई में तथाकथित सुधार लाने के उद्देश्य सेकेंद्र सरकार द्वारा लाये गए तीन नए कानूनों का विरोध कर रहे हैं। किसानों और विपक्षी दलों का आरोप है कि कानून किसानों को उनकी उपज के न्यूनतम मूल्य से वंचित करेगा और उन्हें कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ देगा।