दवा व बिक्रय प्रतिनिधियों के संगठन BSSR यूनियन की बेगुसराय इकाई का द्विवार्षिक सम्मेलन
रविवार:- दवा व बिक्रय प्रतिनिधियों के संगठन BSSR यूनियन की बेगुसराय इकाई का द्विवार्षिक सम्मेलन स्थानीय डाक बंगला चौक स्थित कार्यालय में सम्पन्न हो गया। सम्मेलन की अध्यक्षता पी के वर्मा ने किया ।सम्मेलन की शुरुआत झंडोत्तोलन व शहीद वेदी पर पुष्पांजलि अर्पित करने से शुरू हुई। इसके बाद शोक प्रस्ताव पारित हुआ
उद्घाटन कर्त्ता सूरेश प्रसाद सिंहइस सम्मेलन का उद्घाटन CITU के राज्य सचिव सुरेश प्रसाद सिंह ने किया।उन्होंने सदस्यों को वर्तमान राजनीतिक हालात की चर्चा करते हुए केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी नीतियों की निंदा की। उन्होंने BSSR यूनियन को एक लड़ाकू संगठन बताते हुये यह कहा कि जिस प्रकार सरकार मजदूर विरोधी नीतियों को सख्ती से लागू कर रही है वैसे में ट्रेड युनियनों को भी अब आक्रामक रुख अपनाना पड़ेगा।
पर्यवेक्षक अजय कुमार
सम्मेलन में राज्य उपाध्यक्ष अजय कुमार पर्यवेक्षक के रूप में मौजूद थे।उन्होंने सदस्यों को सम्बोधित करते हुए भारत में श्रमिकों के संघर्ष एवम भारतीय श्रम कानून के लागू होने की याद दिलाई।उन्होंने कहा कि भारत में श्रमिक आंदोलन की शुरुआत 1855 में हुई थी जब चाय बागान के मजदूरों ने पहली हड़ताल की थी। उन्होंने आगे कहा कि मजदूरों ने गोर अंग्रेजों से लंबे संघर्ष के बाद 1926 में ट्रेड यूनियन एक्ट हासिल किया उस वक्त ईस्ट इंडिया कम्पनी का राज था। आज खुद को स्वदेशी कहने वाली सरकार मजदूरों का हक छीनना चाहती है और सारे श्रमिक कानूनों को खत्म कर पूंजीपतियों के लिए श्रम कानूनों में बदलाव ला रही है। नए श्रम कोड मजदूरों के शोषण के हथियार हैं। न नौकरी के सुरक्षा की गारंटी,न सामाजिक सुरक्षा के प्रावधानों का लाभ बस मजदूरों को काम करना है और मालिकों की दया पर जिंदा रहना है।
कोषाध्यक्ष का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए राजेश कुमार
सचिव का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए राकेश कुमार
अंत में 18 सदस्यीय लोकल कमिटी निर्विरोध चुनी गई। पीके वर्मा अध्यक्ष अमरनाथ झा उपाध्यक्ष, राकेश कुमार सचिव,मृत्युंजय कुमार सहायक सचिव एवं चन्दन कुमार कोषाध्यक्ष चुने गए।
दस लोकल कमिटी व तीन स्थायी आमंत्रित सदस्य का भी निर्विरोध हो गया।
अध्यक्ष पीके वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सदस्यता नवीकरण को अविलम्ब पूरा क़रने की अपील की।