4 जनवरी से राज्य के सरकारी व निजी हाईस्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान खुलेंगे। 18 जनवरी के बाद प्रारंभिक सहित शेष कक्षा चालू करने का निर्णय शिक्षा विभाग काेराेना की स्थिति का मूल्यांकन लेगा। कोचिंग संस्थानों को खोलने की अनुमति इस शर्त के साथ दी जाएगी, जब कोचिंग संचालक कोरोना रोकथाम के लिए प्रोटोकॉल का प्रस्ताव संबंधित जिला पदाधिकारी को देंगे।
शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए गुरुवार को शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दिया। प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी विवि के कुलपति, डीएम और डीईओ को इस संबंध में पत्र भेजा है। निर्देश और गाइडलाइन का अनुपालन संबंधित डीएम द्वारा कराया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी और सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सहयोग करेंगे।
50 फीसदी बच्चे दूसरे दिन आएंगे, जहां अधिक बच्चे वहां दो शिफ्ट, छात्रों-शिक्षकों को मास्क लगाना अनिवार्य
9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं और सभी विवि, कॉलेजों के अंतिम वर्ष के कक्षाओं एवं सरकारी प्रशिक्षण संस्थान 4 जनवरी से चालू हो रहे हैं। हर कक्षा में प्रथम दिन 50% और शेष 50% की उपस्थिति दूसरे दिन होगी। कक्षा में क्षमता की 50% ही उपस्थिति रहेगी। विद्यार्थियों और शिक्षकों को मास्क लगा कर आना अनिवार्य है।
जहां-तहां थूकने पर रोक रहेगी। अधिक नामांकन वाले शिक्षण संस्थानों को दो पाली में संचालित करना है। हर शिफ्ट के समय को परिस्थिति के अनुसार कम किया जा सकता है। वर्ग कक्ष छोटा हो तो कंप्यूटर रूम, लाइब्रेरी, लैब का भी उपयोग बैठने के लिए किया जा सकता है। जो विद्यार्थी परिवार की सहमति से घर से ही पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें छूट मिलेगी।
शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए यह एहतियात जरूरी
- शिक्षण संस्थान, स्कूल कैंपस और सभी भवन की कक्षाओं, फर्नीचर, उपकरण, स्टेशनरी, भंडारकक्ष, पानी टंकी, किचेन, वाशरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी की सफाई व सेनेटाइजेशन करना।
- संस्थान या स्कूल में हाथ सफाई की सुविधा।
- डिजिटल थर्मामीटर, सेनेटाइजर, साबुन आदि की व्यवस्था।
- संस्थान या स्कूल की परिवहन व्यवस्था शुरू करने के पहले सेनेटाइजेशन का इंतजाम।
दो विद्यार्थियों के बीच छह फीट की दूरी रखनी होगी
दाे विद्यार्थी के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी हो। सीट एक बेंच-डेस्क का हो तो भी इसे 6 फीट की दूरी पर रखा जाए। शिक्षक के स्टाफ रूम, कार्यालय और अतिथि कक्ष में भी 6 फीट की दूरी पर ही बैठने की व्यवस्था हो। प्रवेश और निकास द्वार को भी आने एवं जाने के लिए चिह्नित किया जाए।
स्कूल आने से पहले माता पिता की सहमति जरूरी
स्कूल में उपस्थिति के पूर्व माता-पिता या अभिभावक से सहमति ली जानी चाहिए। यदि विद्यार्थी परिवार की सहमति से घर से ही अध्ययन करना चाहते हैं, तो संस्थान को उन्हें अनुमति देनी होगी। ऐसे विद्यार्थियों के अध्ययन संबंधी प्रगति की योजनाबद्ध तरीके से मॉनीटरिंग करनी है।