हम (से) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि आजादी के 74 वर्ष बाद भी चुनावी वादों का क्या हश्र होता है यह किसी से छिपा नहीं है। अगर ध्यान नहीं दिया गया तो गरीबों के विकास को जमीन पर उतारने में शायद 74 साल और लगे। मांझी ने कहा कि जाति, धर्म और पैसा के आधार पर हम चुनाव जीते जाते हैं तो गरीबों का भला कैसे हो सकता है।
वे रविवार को अपने सरकारी आवास पर पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित कर रहे थे। मांझी ने कहा कि हम कुछ दिन और मुख्यमंत्री होते तो बेरोजगारों के लिये ठेकेदारी में आरक्षण 75 लाख रुपये तक निश्चित कर देते।
बेरोजगारों को 5 हजार बेरोजगारी भत्ता, किसानों को 5 एकड़ जमीन तक मुफ्त बिजली के साथ गरीबों को 5 डिसमिल जमीन घर बनाने के लिए और एक एकड़ जमीन खेती के लिए देना मेरा लक्ष्य था। उन्होंने मांग की कि हर समाज की लड़कियों को पहली क्लास से पीजी तक की पढ़ाई मुफ्त दी जाए। हमारे कार्यकर्ता इसके लिये सड़क पर भी उतरेंगे।
पश्चिम बंगाल में भी पार्टी विधानसभा चुनाव लड़ेगी
इस मौके पर राज्य सरकार के मंत्री डा. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि पार्टी पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा चुनाव लड़ेगी, जिसके लिए कार्यकर्ताओं को एकजुट रहना जरूरी है। इस अवसर पर विधायक डा. अनिल कुमार, ज्योति देवी और प्रफुल्ल मांझी, प्रदेश अध्यक्ष बीएल बैश्यन्त्री, राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. दानिश रिजवान, प्रदेश प्रवक्ता अमरेन्द्र त्रिपाठी, देवेंद्र मांझी भी उपस्थित थे।
डॉ. विमल किशोर मिश्र बने निर्वाची पदाधिकारी
बैठक में डॉ. विमल किशोर मिश्रा को निर्वाची पदाधिकारी बनाया गया। वे पार्टी की नई कमेटी तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराएंगे।
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