अमीन की कमी और अफसरों के तबादले से मुंगेर-मिर्जाचौकी फाेरलेन की स्पीड घटी, जिले के 92 माैजे में होगा जमीन अधिग्रहण

मुंगेर-मिर्जाचाैकी के बीच 3675 करोड़ से 125 किलाेमीटर लंबा फाेरलेन बनेगा। केंद्रीय पथ व परिवहन मंत्रालय ने इसकी राशि भी स्वीकृत की है। लेकिन जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अब तक अधूरी है। कारण, अमीन की कमी और बार-बार जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के तबादले से अधिग्रहण की गति धीमी पड़ रही है। बीते दाे साल में चार अफसर बदले गए। ऐसे में अब इस साल काम शुरू नहीं हो सकेगा। सब कुछ ठीक रहा ताे 6 माह बाद ही जमीन पर काम दिखेगा।

कारण यह है कि जिले की 92 माैजा में जमीन अधिग्रहण हाेना है। लेकिन अब तक 40 माैजा का ही थ्री-जी का प्रकाशन हाे सका है। अब भी 52 माैजा के थ्री-जी के प्रकाशन की प्रक्रिया अधूरी है। यानी अभी भू-अर्जन सभी माैजा में ली जाने वाली जमीन के लिए मुआवजे के भुगतान का आकलन नहीं कर सका है। अफसरों के मुताबिक प्रक्रिया पूरी करने में छह माह लग सकते हैं।

मई 2021 के बाद ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हाे पाएगी। अधिग्रहण के बाद एनएचएआई फाेरलेन के लिए टेंडर प्रक्रिया करेगा। इसमें भी कम से कम 2-3 माह लगेंगे। ऐसे में फाेरलेन का निर्माण अगस्त के बाद ही शुरू हाे सकेगा। हालांकि जमीन अधिग्रहण की रफ्तार से फाेरलेन निर्माण अगले साल अंत तक ही शुरू के आसार हैं।

कहलगांव-पीरपैंती के सभी माैजे का थ्री-जी प्रकाशन बाकी

मुंगेर से मिर्जाचाैकी के बीच जमीन अधिग्रहण के लिए उसकी मापी, सत्यापन और थ्री-जी की प्रक्रिया धीमी होने से अब तक काम पूरा नहीं हाे सका है। अब तक केवल सुल्तानगंज का 18, नाथनगर का 11, गाेराडीह का 2 और सबाैर का 11 में से 9 माैजा का ही थ्री-जी का प्रकाशन हुआ है। यानी इसमें रैयत का नाम, अधिग्रहित की जाने वाली जमीन का हिस्सा, जमीन की किस्म और रैयत काे भुगतान होने वाले मुआवजे से संबंधित जानकारी का प्रकाशन हुआ है। सबाैर के दाै माैजे के अलावा कहलगांव और पीरपैंती के बाकी माैजे के थ्री-जी का प्रकाशन बाकी है।

रैयताें की आपत्ति पर हो रही सुनवाई

अभी तक चार प्रखंड के 40 माैजा के थ्री-जी का प्रकाशन हुआ है। साथ ही उन इलाके के रैयताें से दावा-आपत्ति विभाग ले रहा है। उसकी सुनवाई चल रही है। दावा-आपत्ति के निपटारा के बाद फाइनल रिपाेर्ट बनेगी। फिर अवार्ड किया जाएगा, जिससे पता चलेगा कि कितने रैयताें की कितनी जमीन जाएगी और कितने मुआवजे का भुगतान होगा। 80 फीसदी मुआवजे के भुगतान के बाद जमीन एनएचएआई काे हस्तांतरित की जाएगी, ताकि फाेरलेन निर्माण हो सके।

इसलिए हो रही है परेशानी

जिले के 6 प्रखंडाें के 92 माैजा की जमीन के सत्यापन से लेकर थ्री-जी के प्रकाशन तक की प्रक्रिया में अमीन की कमी से परेशानी हाे रही है। इससे देरी हाे रही है। जिला भू-अर्जन कार्यालय में केवल एक अमीन है, इस पर सभी माैजे के सत्यापन और मापी का भार है। इस बीच चुनाव व अन्य काम बीच में आने से भी देरी हाेती है। हालांकि दाे अमीन एनएचएआई ने भी दिए हैं, लेकिन उनके कम अनुभव हाेने से भी काम में परेशानी हाे रही है। अमीन की संख्या ज्यादा हाेती ताे अब तक सभी माैजा के थ्री-जी का प्रकाशन हाे गया हाेता।

फोरलेन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की चल रही है प्रक्रिया
मुंगेर-मिर्जाचाैकी के बीच फाेरलेन निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। अभी तक करीब 40 माैजा के थ्री-जी का प्रकाशन हाे चुका है। शेष 52 माैजे की जमीन के लिए प्रक्रिया चल रही है।
- सुधीर कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी




फाइल फोटो
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