पीएमसीएच समेत सूबे के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 7वें दिन भी हड़ताल जारी रही। लिहाजा बुधवार को 8वें दिन भी हड़ताल टूटने के कोई आसार नहीं हैं। इधर, इलाज न होने से जो भर्ती हैं वे भी अस्पताल छोड़ रहे हैं। मनेर के बुजुर्ग चंद्रभूषण निमोनिया से पीड़ित थे। 28 को पीएमसीएच के टाटा वार्ड में भर्ती हुए थे। 29 की शाम तक इलाज तो दूर, कोई देखने तक नहीं आया।
थक हार कर बेटा जान बचाने के लिए निजी अस्पताल ले गया। पूछने पर चंद्रभूषण ने बताया कि कोई झुके ला तैयार न हव बाबू... हम हिंया मरे ला काहे रहीं। एंबुलेंस में रोते-रोेते हाथ जोड़कर पीएमसीएच को प्रणाम कर गए।
अब आईएमए का हड़ताली डॉक्टरों को समर्थन नहीं
आईएमए प्रेसीडेंट और पीएमसीएच अधीक्षक डॉ विमल कारक ने कहा कि आईएमए ने जूनियर डॉक्टरों को दिया अपना समर्थन वापस ले लिया। अब मैं बतौर अधीक्षक ही काम करूंगा।
सातवें दिन पहली बार मंत्री, प्रधान सचिव ने की बात
पहली बार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जूनियर डॉक्टरों से बात की। दोनों पक्ष अपनी बात पर अड़े रहे। डॉक्टरों ने दोहराया कि बिना लिखित आश्वासन हड़ताल नहीं तोड़ेंगे।
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