भगवान राम की कृपा बिना कल्याण नहीं हो सकता

सीताराम विवाह महोत्सव द्वारा आयोजित 51 वें सिय पिय मिलन महोत्सव के दूसरे दिन नया बाजार आश्रम में प्रातः में रामचरितमानस का नवाहन पारायण पाठ का आयोजन हुआ, तत्पश्चात दोपहर में श्री जय कांत शास्त्री उपाख्य रामकिंकर जी महाराज के द्वारा श्रीमद् वाल्मीकि रामायण की कथा का वाचन किया गया।

दूसरे दिन की कथा में प्रभु श्रीराम की जन्म स्थली अयोध्या का वर्णन करते हुए कहा की 12 योजन लंबी और 3 योजन चौड़ी सरयू के पावन तट पर अवस्थित तीनों लोगों की सबसे पावन, दिव्य, चिन्मयी नगरी के रूप में अयोध्या का महत्व है जिसका निर्माण स्वयं प्रभु के द्वारा किया गया है। इसी अयोध्या धाम के राजा के रूप में इक्ष्वाकु वंश के परम प्रतापी, धर्मानुरागी, तीनों लोकों में जिनका यश है ऐसे दशरथ जी है।

महाराज जी ने राजा दशरथ के द्वारा पुत्र प्राप्ति के लिए किए गए अश्वमेघ यज्ञ कर्तव्य वर्णन करते हुए कहा की अश्वमेध यज्ञ केवल वही कर सकता है जो संपूर्ण धरती का मालिक को क्योंकि इसमें दक्षिणा के रूप में संपूर्ण पृथ्वी दी जाती है महाराज जी ने यज्ञ की महत्ता का बस बखान करते हुए कहा यज्ञ समस्त इच्छाओं की पूर्ति एवं मोक्ष प्राप्ति का सर्वश्रेष्ठ साधन है।

सौभाग्य से ही प्राप्त होता है श्रीमद् वाल्मीकि रामायण का कथा श्रवण

महाराज जी ने कहा कि जब तक भगवान राम का निरावरण साक्षात्कार नहीं होगा तब तक कल्याण नहीं हो सकता। और भगवान राम का निरावरण साक्षात्कार वाल्मीकि रामायण के श्रवण से ही संभव है। कहा कि श्रीमद् वाल्मीकि रामायण समस्त वेदों का अवतार है। श्रीमद् वाल्मीकि रामायण की कथा श्रवण का अवसर सौभाग्य से ही प्राप्त होता है। यह ग्रंथ वाल्मीकि रूपी पर्वत से निकलकर राम रूपी सागर की ओर ले जाने वाली गंगा है।

भगवान के अधीन रहना ही श्रेष्ठ कार्य : भगवान के अधीन रहना ही श्रेष्ठ कार्य है। भगवान की अधीनता न प्राप्त हो तो भागवत के अधीन रहना चाहिए। भगवान एवं भागवत की अधीनता से जीवन धन्य हो जाता है। रविवार की कथा में प्रभु श्रीराम के जन्म की कथा का सुन्दर विवेचन करते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम का जन्म धर्म के चारो स्वरूपों की रक्षा लिए हुआ था। वही संध्या में आश्रम के परिकरों के द्वारा श्री भक्तमाल जी संगीतमय पाठ एवं भजन कीर्तन किया गया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
There can be no welfare without the grace of Lord Rama
https://ift.tt/2LzHRur
from Dainik Bhaskar
एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने