जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा-’अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने हमारे 6 विधायकों को क्यों शामिल कराया, इसकी वजह व जरूरत नहीं समझ पाए। इसका असर हमारे मन पर है। यह सुखद नहीं। अच्छा अनुभव नहीं है।’ भाजपा के लिए कहा- ‘अरुणाचल जैसा आगे न हो। यह भविष्य के लिए बहुत जरूरी है; बहुत अच्छा है।’ वे मंगलवार को मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि हम गठबंधन धर्म को निभाने के लिए अंतिम दूरी तक जाते हैं।
नीतीश कुमार ने 15 साल से ज्यादा समय तक बिहार में गठबंधन की सरकार चलाई है। कहीं कोई विवाद, तनाव या दरार दिखी? यह साधारण चीज नहीं है। गठबंधन की स्पिरिट को इससे जुड़े सभी पक्षों को ठीक से समझना होगा, उसे ईमानदारी से अंजाम देना होगा। अरुणाचल के मसले पर साफ किया कि अभी मैं इसे टकराव की राजनीति नहीं कहूंगा।
लेकिन इस मसले का निश्चित रूप से हमारे मन पर असर है। हमलोग बिहार में गठबंधन सरकार चला रहे हैं। अरुणाचल में हमारे विधायक वहां की भाजपा सरकार में आने को तैयार थे। फिर उनको भाजपा में शामिल कराने की इतनी जल्दबाजी में जरूरत क्या थी?
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