गेहूं बीज में अंकुरण नहीं, किसान चिंतित; अब बाजार से महंगी दर पर कर रहे खरीदारी, शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं

प्रखंड की विभिन्न पंचायताें के 4 दर्जन से अधिक किसानों के खेत में सरकार की ओर से 90 फीसदी अनुदान और जीरो टिलेज से दिया गया गेहूं का बीज अंकुरित नहीं हाेने से किसान मायूस हैं। इससे उनका भरोसा सरकारी बीज वितरण प्रणाली से उठ गया है। इसकी शिकायत उन्हाेंने जिला कृषि अधिकारी से लेकर प्रखंड कृषि अधिकारी तक से की, लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियाें ने अब तक मामले में ठाेस कार्रवाई नहीं की। वहीं, बीज में गड़बड़ी का ठीकरा ऊपरी स्तर पर फोड़ा जा रहा है।

हालांकि, जिला कृषि अधिकारी के मौखिक आदेश पर कुछ ऐसे किसान, जिन्होंने बीज मिलने के बाद भी बुआई नहीं की थी, उन्हें गुणवत्ता विहीन बीज को बदल कर दूसरा बीज दिया गया है। विभिन्न पंचायताें के किसान सलाहकाराें का कहना है, बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड कंपनी की ओर से दिया गया अनुदानित गेहूं बीज गुणवत्ता विहीन है। कृषि सलाहकारों के मुताबिक, 100 से अधिक किसानों के खेत में बुआई के बाद भी अंकुरण नहीं हुआ है।
फिर भी जांच की गति खानापूर्ति जैसी है। कन्हौली विशुनदत्त पंचायत के किसान सलाहकार कामता सिंह ने बताया, किसान मनमानी दर पर बाजार से बीज की खरीदारी काे बुअाई करने में जुट गए हैं।

किसानाें के समर्थन में प्रदर्शन व पुतला दहन

सिमरा में किसान कानून के खिलाफ भाकपा-माले एवं अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने आंदोलनकारी किसानों पर दमन के खिलाफ रविवार काे प्रदर्शन एवं पुतला दहन किया। कार्यकर्ताओं ने पीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुतला दहन के बाद भाकपा माले के प्रखंड सचिव रामबली मेहता ने कहा, मोदी सरकार किसानों के हित को कुचलना चाहती है।

उनकी मांगों को सुनने की के बजाय दबाने की कोशिश की जा रही है। मौके पर महेश महतो, अजीत कुमार, संजय दास, गीता देवी, चंद्रकला देवी, शत्रुघ्न महतो, मो. इसराइल, इंदू देवी, रजो देवी, विशनदेव महतो, महेश राम, दिनेश राम, हरि किशोर चौधरी समेत दर्जनों लोग शामिल थे।



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Wheat seed not germinating, farmer worried; Now shopping at an expensive rate from the market, no action even after complaint
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