राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) और अमेजन के बीच मराठी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। दिंडोशी कोर्ट ने अमेजन की याचिका पर गुरुवार को MNS प्रमुख राज ठाकरे को नोटिस भेजकर 5 जनवरी को अदालत में हाजिर होने का आदेश दिया है। इसके एक दिन बाद शुक्रवार को पुणे में MNS कार्यकर्ताओं ने अमेजन के ऑफिस में तोड़फोड़ की। उन्होंने अमेजन के बोर्ड पर भी कालिख पोत दी।
पुणे पुलिस ने अमेजन के ऑफिस में तोड़फोड़ कर रहे MNS कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। हालांकि, कंपनी ने इस मामले में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। वहीं, MNS ने कहा है कि उसकी लीगल टीम कोर्ट में नोटिस का जवाब देगी।
अमेजन को कीमत चुकानी पड़ेगी: MNS
ठाकरे को कोर्ट के समन के बाद MNS के पदाधिकारी अखिल चित्र ने कहा है कि अमेजन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। महाराष्ट्र में अगर अमेजन को मराठी भाषा मान्य नहीं है, तो हमें भी महाराष्ट्र में अमेजन नहीं चाहिए। अब तक हजारों लोगों ने इसे मोबाइल से अन-इंस्टॉल किया है। अगर अमेजन हमारी मांग नहीं मानती है, तो महाराष्ट्र में उनका कारोबार जरूर ठप होगा।
MNS और अमेजन के बीच विवाद क्यों?
MNS ने अमेजन से अपनी वेबसाइट और ऐप में मराठी भाषा शामिल करने को कहा था। अमेजन की तरफ से जवाब न मिलने के बाद MNS ने कंपनी के खिलाफ नो मराठी नो अमेजन की मुहिम छेड़ दी थी। दिंडोशी इलाके में MNS कार्यकर्ताओं ने अमेजन के पोस्टर फाड़ दिए थे। इसके पहले MNS ने अमेजन के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) ऑफिस में भी तोड़फोड़ की थी