मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि शहरों के बेघर गरीब भूमिहीनों के लिए बहुमंजिला भवन तेजी से बनाया जाए। जलजमाव से बचने को शहरों में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम का इंतजाम हो। वे गुरुवार को आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय पार्ट-2 के तहत नगर विकास एवं आवास विभाग से पूरी की जाने वाली योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिन बुजुर्गों की कोई देखभाल करने वाला नहीं है, उनके वास्ते शहरों में आश्रय स्थल बनाया जाए। यहां भोजन, इलाज व दूसरी जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था रहे। इसके बेहतर प्रबंधन एवं संचालन की व्यवस्था विभाग अपने स्तर से करे। शहरों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था हो, जिससे शहर साफ रहे। कहा कि विद्युत एवं परंपरागत शवदाह गृह का तेजी से निर्माण किया जाए।
बांस घाट के पास दो तालाब बने जिसमें गंगा नदी का पानी भरा रहे
मुख्यमंत्री ने कहा-बांस घाट सबसे पुराना घाट है। यहां और नए विद्युत शवदाह गृह बनें, परंपरागत शवदाह गृह की व्यवस्था की जाए। यहां गंगा की धारा दूर चली गई है। परंपराओं को ध्यान में रखते हुए शवदाह गृह के बगल में दो तालाबों का निर्माण हो, जिसमें गंगा का पानी रहे। एक तालाब में दाह संस्कार से जुड़े कार्य हों तथा दूसरे में लोग स्नान कर सकें, ऐसी व्यवस्था हो।
शवदाह स्थल पर आने वालों के लिए स्नानागार, शौचालय, चेंजिंग रूम, पेयजल, कैंटीन की व्यवस्था के साथ दाह संस्कार एवं पूजन के लिए जगह तय हो। सीएम ने कहा-राज्य में कुछ जगहों पर परंपरागत, धार्मिक मान्यता के अनुसार अंतिम संस्कार की अवधारणा है, ऐसे घाट विकसित किए जाएं। नदियों के किनारे जहां अंतिम संस्कार होते रहे हैं, वहां बगल में तालाब व पानी का प्रबंध किया जाए ताकि लोगों को सुविधा हो और नदी का जल भी स्वच्छ रहे। गांवों में ऊंची जगह को चिह्नित कर शवदाह गृह बने।
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