जिले में सैकड़ों करोड़ों रुपए के चल रहे विकास कार्यों के बीच पिछले ग्यारह वर्षों से जिला मुख्यालय की कई महत्वपूर्ण सड़कों को अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। बरसात की बात कौन कहे, कई सड़कें तो गर्मी के दिनों में भी पैदल चलने लायक भी नहीं हैं। तरह-तरह के वायदे करने वाले नेता शहर की सड़कों की दुर्गति से इस कदर बेपरवाह व संवेदनहीन रहे हैं, मानो यह सब उनके शान के खिलाफ हो। आज शहर के कई प्रमुख सड़कों की जो खस्ताहाल स्थिति है, इसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मानो यहां के लोगों ने किसी को जन प्रतिनिधि चुना ही नहीं है।
इतनी लंबी अवधि में आबादी व वाहनो का बोझ लगातार बढ़ता रहा लेकिन हर कोई शहरवासियों के आवागमन की समस्या से बेफिक्र बैठा है। पिछले ग्यारह वर्षों से शहर की कई प्रमुख सड़क पर कोई काम नहीं किए जाने से कई जगह संबंधित सड़कों पर खतरनाक गड्ढे उभर आए हैं। दरअसल इस पूरी समस्या के पीछे यहां के जनप्रतिनिधियों से लेकर संबंधित अधिकारियों की भूमिका बेहद गैर जिम्मेदाराना रहा है।
एनएच 110 से शिक्षक कॉलोनी होते दक्षिणी दौलतपुर तक की रोड का अस्तित्व संकट में
शहर में थाना रोड फुट ब्रिज के पास से श्यामनगर तक और मलहचक मोड़ से त्रिमुहानी तक की मुख्य बाजार की सड़कों का हाल तो बेहाल है ही, शहर में कई और भी ऐसी ब्रांच सड़के हैं, जहां आज ठीक से पैदल चलना भी मुहाल हुआ है। सड़कों की यह दुर्दशा पिछले कई वर्षों से है लेकिन यहां के जन प्रतिनिधियों की कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा। सबसे ज्यादा त्रासदी महलचक मोड़ से श्यामनगर जाने वाली सड़क पर है। इसके अलावा दक्षिणी दौलतपुर से शिक्षक कॉलोनी होते एनएच 110 में मिलने वाली महत्वपूर्ण ब्रांच सड़क तो अपना अस्तित्व ही खोता जा रहा है। इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का आवागमन होता है। जिले के पश्चिमी इलाके के लोगों के लिए यह शहर में प्रवेश का एक बेहतर विकल्प है। खराब हालत में होने के बावजूद अंडरपास के नजदीक जाम लगने से मजबूरी में प्रतिदिन इस पर हजारों की संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है।
2008-09 में शहर की प्रमुख सड़कों का हुआ था कायाकल्प
वर्ष 2008-09 में शहर की प्रमुख सड़कों का कायाकल्प किया गया था। तब थाना रोड फुट बिज के पास से लेकर मेन रोड, पंचमहला, मलहचक होते श्यामनगर तक एकमुश्त पुरानी सड़क को पीसीसी में कन्वर्ट किया गया था। इसके अलावा मलहचक मोड़ से लेकर पुरानी डीईओ ऑफिस के पास त्रिमुहानी तक, पीजी रोड से फिदा हुसैन रोड को महलहचक मोड़ तक जोड़ने के अलावा बड़ी मस्जिद से लेकर अस्पताल मोड़ तक पीसीसी का काम हुआ था। तब के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने नगर विकास से राशि स्वीकृत कराकर शहर के सड़कों की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए मेन रोड की सड़कों का कुछ चौड़ीकरण भी कराया था। कई नालों का भी निर्माण किया गया था। तब से लेकर आज ग्यारह वर्ष बीतने को है। इस दौरान न तो नगर परिषद और न ही कोई जन प्रतिनिधि शहर की इस महत्वपूर्ण समस्या के प्रति गंभीरता दिखा सका। नतीजतन आज शहर की कई महत्वपूर्ण सड़कों पर आवागमन काफी मुश्किल हुआ है।
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