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Munger Times
बिहार के विधानसभा चुनाव नवम्बर में सम्पन्न हो गए पर कुछ जीते हुए विधायकों को अब भी चैन नहीं मिल रहा है।वजह है उनसे हारे हुए प्रतिद्वंद्वी जिन्होंने उनकी जीत को हाइकोर्ट में चुनौती दी है।

बिहार विधानसभा चुनावों में जीते कई माननीयों की नींद उड़ेगी इसकी वजह बनेंगे उनके प्रतिद्वंद्वी जिसे काफी कम मतों से हार का मुंह देखना पड़ा था। इसकी वजह है हारे हुए प्रत्याशियों का पटना उच्च न्यायालय का रुख करना। हाइकोर्ट में  मामला दर्ज हो चुका है, मुख्य न्यायाधीश के सामने प्रस्तुति और लिस्टिंग भी हो चुकी है। जनवरी में हाइकोर्ट खुलने के बाद सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।
इन हारे हुए प्रत्याशियों ने आयोग को भी कटघरे में खड़ा किया है और उनके फैसले पर सवाल खड़ा किया है। मामला दर्ज करने वालों में विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के प्रत्याशी भी शामिल हैं। विपक्ष की ओर से सर्वाधिक 15 हारे हुए उम्मीदवारों ने मामला दर्ज किया है।सत्ता पक्ष से भी 5 उम्मीदवार ने मामला दर्ज किया है। 5 निर्दलीय उम्मीदवार भी फैसले को चुनौती दे रहे हैं। दो उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को पार्टी बनाया है।

आयोग के फैसले पर खड़े किए सवाल

मामला दर्ज करवाने वालों में सबसे ज्यादा आठ राजद और छह कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। पांच निर्दलीयों ने भी जीते हुए उम्मीदवारों की विजय पर आपत्ति जताई है। सत्ता के पांच प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। इसमें तीन जदयू और दो भाजपा के उम्मीदवार हैं। इसके अलावा माकपा और बसपा के भी एक-एक प्रत्याशी शामिल हैं। दो ने चुनाव आयोग को पार्टी बनाया है।

निशाने पर हैं इन दलों के प्रत्याशी 
जिन विधायकों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं उनमें सबसे ज्यादा नौ जदयू के जबकि छह भाजपा के हैं। राजद के सात विधायक हैं जिनकी जीत पर हारे हुए उम्मीदवारों ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस, माले, हम और लोजपा के एक-एक विधायक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ है। वहीं भाजपा के विधान पार्षद नवल किशोर यादव की जीत को  निर्दलीय प्रत्याशी अवधेश कुमार सिन्हा ने चुनौती दी है।

पक्ष-विपक्ष दोनों तरफ से हुआ मुकदमा
उच्च न्यायालय के वकील शशिभूषण मंगलम ने कहा कि नियम के अनुसार नतीजे आने के 45 दिनों के अंदर कोई भी उम्मीदवार परिणाम को चुनौती दे सकता है। हारे हुए 29 उम्मीदवारों ने मतगणना में गड़बड़ी एवं अन्य आरोपों में 27 विधायकों के खिलाफ 24 दिसंबर तक अलग-अलग तारीखों में मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के भी उम्मीदवार शामिल हैं।

जानें किसने-किसकी बढ़ाई मुश्किलें

हारे प्रत्याशी - वर्तमान विधायक - क्षेत्र
कांग्रेस 
सुमंत कुमार - हम के अनिल कुमार: टिकारी
गजानन शाही - जदयू के सुदर्शन कुमार- बरबीघा
विनय वर्मा - भाजपा की रश्मि वर्मा - नरकटियागंज
उमेश कुमार राम - जदयू के अशोक कुमार चौधरी- सकरा
रवि ज्योति कुमार - जदयू के कौशल किशोर- राजगीर
मोहन श्रीवास्तव- भाजपा के प्रेम कुमार - गया शहर

माकपा
राजेंद्र प्रसाद सिंह-लोजपा के राजकुमार सिंह

राजद
शक्ति यादव- जदयू के प्रेम मुखिया - हिलसा
रितु जायसवाल - भाजपा की गायत्री देवी - परिहार
राजेंद्र प्रसाद - जदयू के दामोदार रावत- झाझा
अविनाश विद्यार्थी - भाजपा के प्रणव कुमार- मुंगेर
अबु दोजाना - जदयू के दिलीप राय
विपिन कुमार मंडल- जदयू के गोपाल मंडल - गोपालपुर
सरोज यादव - भाजपा के राघवेंद्र प्रताप सिंह - बड़हरा
दिगंबर तिवारी - जदयू के संजीव कुमार - परबत्ता

भाजपा
मिथिलेश तिवारी - राजद के प्रेम शंकर प्रसाद-बैकुंठपुर
सचींद्र प्रसाद सिंह- राजद के मनोज यादव- केसरिया

जदयू
रंजू गीता - राजद के मुकेश यादव - बाजपट्टी
श्याम बिहारी प्रसाद- राजद के शमीम अहमद - नरकटिया
महेंद्र राम - कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी - राजापाकर

निर्दलीय
अनिल कुमार सिंह - जदयू के बिजेंद्र प्रसाद यादव -सुपौल
रवींद्र प्रसाद - राजद के अजय यादव - अतरी
ललितेश रंजन झा - भाजपा के विनोद नारायण झा - बेनीपट्टी
बम शंकर चौधरी - राजद के भूदेव चौधरी
रहबर आबदीन - माले के महानंद सिंह अरवल

न्यूज़ लहर  से साभार





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