Munger Times
नवगठित बिहार विधानसभा में विभिन्न समितियों के अध्यक्ष मनोनयन के मामले ने एक नया मोड़ लिया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनसे जिसमें समितियों के नाम स्पष्ट करने को कहा गया है जिसमें राजद नेताओं को शामिल किया जाएगा या उन्हें अध्यक्ष बनाया जाएगा। ताकि उनकी पार्टी उन पदों के लिए विधायकों के नामों की सिफारिश कर सके।
अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा द्वारा यादव को एक अनुरोध भेजने के एक दिन बाद यह कदम उठाया, जिसमें उन्होंने विभिन्न सदन समितियों के लिए पार्टी विधायकों के नामों की सिफारिश करने के लिए कहा था।
विधानसभा में कुल 22 विधायी समितियां हैं जिनके अध्यक्ष और सदस्य निचले सदन में पार्टियों को उनकी संख्या के आधार आनुपातिक रूप से सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों के विधायकों द्वारा प्रतिनिधित्व की जाती हैं।
विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में तेजस्वी ने कहा कि यह परम्परा है कि विधानसभा सचिवालय द्वारा पार्टियों को हाउस कमेटियों के बारे में सूचित किया जाता है ताकि पार्टी के विधायकों के नामों की सिफारिश व्यापक, विधायी अनुभव और उनके निर्वाचन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति के आधार पर की जाती है। ऐसा इसलिये की सभी वर्ग और क्षेत्र को उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।
तेजस्वी यादव ने बताया कि “मेरे कार्यालय और अध्यक्ष के कार्यालय के बीच समितियों के नाम भेजने पर टेलीफोन पर बात हुई है, जहाँ पार्टी के नेताओं को अध्यक्ष मनोनीत किये जायेंगे। लेकिन अभी तक समितियों के नाम हमें नहीं भेजे गए हैं।
यादव ने कहा, "राजद अनुरोध करती है कि समितियों के नाम भेजे जाएं ताकि उनकी पार्टी समितियों के अध्यक्ष व सदस्य के लिए विधायकों की सिफारिशें भेज सके।"
राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि राजद के इस कदम से संकेत मिलता है कि राजद इस मूड में नहीं है कि पैनल को सर्वसम्मति से स्थापित करने की अनुमति दी जाए, जैसा कि परंपरा रही है।
उन्होंने कहा कि राजद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को प्रमुख विधायी समितियों में अध्यक्ष बनाने के लिए दबाव की राजनीति का सहारा ले सकता है।