गंदे पानी को दोबारा उपयोग में लाने के लिए लगेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, अधिकारी नागपुर और सूरत से सीखेंगे तरीके

पटना नगर निगम द्वारा पानी के दोबारा प्रयोग के लिए योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए अधिकारियों को विशेष रूप से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सूरत व नागपुर के प्रोजेक्ट का नगर निगम अध्ययन कर रही है। सूरत में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी को ट्रीट कर दोबारा पीने लायक बनाया जा रहा है। नगर निगम की ओर से इस प्लांट का पिछले दिनों निरीक्षण किया गया था।
इस दौरान वहां के अधिकारियों ने दोबारा ट्रीट किए गए पानी को पीकर लोगों के सामने इसकी शुद्धता का प्रदर्शन किया था। इसके अलावा नागपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले पानी को ट्रीट कर दोबारा उपयोग के लायक बनाया जा रहा है। इन दोनों प्रोजेक्ट के आधार पर निगम प्रशासन आगे की रणनीति तैयार करेगा। पूरे प्रोजेक्ट के अध्ययन के बाद आगे की कार्रवाई पर निर्णय लिया जाएगा।

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निगम के अधिकारी लेंगे जायजा
नागपुर में चल रहे प्रोजेक्ट का जायजा लेने नगर निगम के अधिकारियों की एक टीम जाएगी। इस संबंध में नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि जल्द ही इस प्रोजेक्ट का भ्रमण कर रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि एसटीपी से निकलने वाला पानी ट्रीटेड होता है। ऐसे में सीधे गंगा नदी में बहा दिए जाने से उसकी उपयोगिता समाप्त हो जाएगी।

अगर इसे अन्य प्रोजेक्ट में लगाया जाए तो भूमिगत जल के अधिक दोहन पर रोक लगाई जा सकती है। गाड़ियों के धोने वाले संस्थानों और गार्डेनिंग जैसे उपयोग के लिए इन पानी का प्रयोग किया जा सकता है। नगर निगम के स्तर पर एसटीपी से निकले पानी को दोबारा ट्रीट कर इन कार्यों के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है। स्वच्छता के स्तर को बढ़ाने में भी यह बड़ी भूमिका निभाएगा।




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