गोपालगंज-पूर्वी चंपारण जिले की सीमा स्थित डुमरियाघाट में हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। नारायणी तट पर कोशी भर कर महिलाओं ने अपनी मन्नतें मांगी। डुमरिया के अलावे जिले के विभिन्न घाटों पर लोगों कार्तिक पूर्णिमा का स्नान किया । सुबह पांच बजे से स्नान-दान का सिलसिला शुरू हुआ, जो दोपहर बाद तक चलता रहा। हालांकि कोविड-19 नियमों के तहत श्रद्धालुओं ने इस बार कार्तिक पूर्णिमा स्नान किया। जिला प्रशासन ने पहले ही कार्तिक पूर्णिमा के लिए गाइडलाइन जारी कर दिया था। जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के आधार पर स्नान-दान किया।
नहीं लगा मेला
कोरोना के कारण नहान में ऐसा पहली बार हुआ है कि डुमरिया घाट में कार्तिक पूर्णिमा मेले का आयोजन नहीं किया गया। गंडक नदी के तट पर ही सिंदूर, बिंदी, नेल पॉलिश सहित सौंदर्य प्रसाधन की अन्य सामान बेची जा रही थी। फुटपाथी दुकानों से नदी का घाट पूरी तरह पट चुका था। यहां तक कि डुमरिया के मशहूर फर्नीचर बाजार में भी इस बार विरानी रही। फर्नीचर के कारोबारी इस बार अपनी उत्पादों को लेकर नहीं पहुंचे। नतीजतन शादी-विवाह की खरीदारी करने वालों को बैरंग लोटना पड़ा।
सुरक्षा के रहे तगड़े इंतजाम
सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन के अधिकारी, दंडाधिकारी व पुलिस बल तैनात किए गए थे। नारायणी नदी के तट से लेकर खोरमपुर चौक तक पुलिस बल के जवान गश्त लगा रहे थे। पवित्र स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया। उसके बाद ब्राह्मणों को दान दिया। नदी के घाट से लेकर एनएच 28 के किनारे बैठे अपाहिज व गरीबों के बीच दान-पुण्य भी किया गया।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today https://ift.tt/2KQEn6l
from Dainik Bhaskar