गया पुलिस ने ऑन लाइन ठगी करने वाले बड़े गिरोह का खुलासा किया है। इस क्रम में बोधगया के एक गेस्ट हाउस में जमे 16 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
इसमें कर्नाटक राज्य के रहे 9 अपराधी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने अनगिनत लोगों को अपना शिकार बनाया और लाखों-करोड़ों का वारा-न्यारा किया है। खास बात यह है, कि बोधगया के रहने वाले एक इंजीनियरिंग के छात्र ने भोपाल में बीटेक की पढ़ाई छोड़कर इस गिरोह को बनाया था।
इस गिरोह के टारगेट में दक्षिण भारत के चार राज्यों के ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़े ग्राहक थे। कर्नाटक से लाए गए अपराधी अपनी भाषा से कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना के ग्राहकों को आसानी से अपने शिकंजे में फंसा लेते थे। बोधगया डीएसपी अजय कुमार को सूचना मिलने के बाद सिटी एसपी राकेश कुमार के नेतृत्व में छापेमारी कर इस बड़े शातिराना गिरोह का भंडाफोड़ किया गया।
दो किलो नकली सोने के सिक्के मिले
नकली सोने के सिक्के, नाप तौल और शॉप क्लूज कंपनी के 2500 स्कैच कार्ड समेत बड़े पैमाने पर सामान की बरामदगी की गई है। पुलिस को इस गिरोह द्वारा बनाए पैन इंडिया का एक लिंक मिला है, जिसके संदर्भ में तफ्तीश की जा रही है। गिरोह के सरगना इंजीनियरिंग के छात्र रहे गया के मगध विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत बारा गांव निवासी रौशन कुमार ने पुलिस के समझ खुलासा किया है कि नाप तौल, सॉप क्लूजल, फ्लिप कार्ड आदि कंपनियों से उसे स्कैच कार्ड जुगाड़ टेक्नोलॉजी से मिल जाते थे। वैसे इस तरह स्कैच कार्ड मिलने की बात जानकर एसएसपी हैरान रह गए।
मकान को किया सील
पुलिस को सूचना मिली थी कि मियां बिगहा के समीप महेन्द्र के मकान में पिछले 25 दिनों से दूसरे राज्य के अलग भाषा बोलने वाले लोग यहां रह रहे हैं। ऐसी सूचना के बाद पुलिस ने छानबीन शुरू की। अपराधियों के कारनामे की भनक लगते ही घेराबंदी कर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल उसके मकान को सील कर दिया गया है।
इस तरह से करते हैं शातिराना ठगी
गिरफ्त में आए अपराधियों के मुताबिक जब कोई आम आदमी नाप तोल, शॉपक्लूज, अमेजॉन, फ्लिप कार्ट जैसे वेबसाइट से कुछ आर्डर करता है, तो ये लोग किसी तरह ऑर्डर करने वाले व्यक्ति का नाम पता, मोबाइल नंबर, आर्डर किए गए सामान की विवरणी आदि निकाल लेते हैं। कुछ समय बाद उस आदमी को एक लिफाफा भेजते हैं, जिस पर उसका नाम- पता टाइप रहता है। लिफाफे के अंदर एक स्क्रैच कार्ड होता है, एक पंपलेट होता है।
यहां से इनकी ठगी शुरू होती है। कार्ड स्क्रैच करने पर प्रायः उसमें से काफी महंगे गिफ्ट या लॉटरी की बात निकलकर आती है, जिसे देखकर कोई भी व्यक्ति तुरंत पम्पलेट पर दिए गए नंबर पर संपर्क करता है, जिसके बाद यह लोग उसे आश्वासन देते हैं कि आपकी लॉटरी लगी है और फिर मोटी नकदी की राशि ठगी कर ली जाती है, कभी-कभार तो ग्राहक बने व्यक्ति के अकाउंट से सारी राशि ही खत्म भी हो जाती है।
बड़े नेटवर्क का खुलासा : एसएसपी
बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। इस गिरोह ने ऑन लाइन ठगी कर अनगिनत लोगों को शिकार बनाया है। इनकी टेक्निक से ग्राहक आसानी से झांसे में आ जाते थे। 16 अपराधियों में से 9 कर्नाटक के हैं। कार्रवाई चल रही है। -आदित्य कुमार, एसएसपी गया।
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