7 विभागों पर 119 कराेड़ बिजली बिल बकाया इतने में एक ग्रिड व सात सब-स्टेशन बन जाते

बिजली कंपनी बकाया बिल की राशि वसूलने में हांफ रही है। आम लाेगाें के पास उसका बकाया ताे है ही, सरकारी विभागाें के पास भी करीब 119 कराेड़ रुपए बाकी हैं। यह राशि एक-दाे माह की नहीं, बल्कि तीन साल से अधिक की है। जिले के 7 विभाग बिजली बिल पर कुंडली मार कर बैठे हैं। इसमें सबसे आगे नगर निगम है, जिस पर 108 कराेड़ रुपए बकाया है।

इसके लिए बिजली कंपनी लगातार पत्राचार कर रही है। लेकिन इसका काेई असर नजर नहीं आ रहा है। हालत यह है कि साल दर साल बकाया राशि लगातार बढ़ती ही जा रही है। कंपनी के जिम्मेदार बताते हैं कि अगर सरकारी विभागाें के पास बकाया बिजली बिल की राशि मिल जाए ताे इतने में शहर में एक ग्रिड और सात पावर सबस्टेशन बन जाएंगे। एक ग्रिड बनाने में करीब 70 कराेड़ रुपए और एक पावर सब स्टेशन बनाने में सात कराेड़ रुपए खर्च आते हैं।

आम लाेगाें पर कार्रवाई, लेकिन विभागाें से वसूली नहीं कर पा रही कंपनी

बिजली कंपनी का पुलिस विभाग, नगर निगम, जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, पीएचईडी विभाग, यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज समेत कई थाना के पास बिल बकाया है। जानकाराें का कहना है कि ये बकाया राशि वसूलना आसान नहीं है। आम लाेगाें के पास अगर बिल बकाया हाेता है ताे कंपनी तुरंत कनेक्शन काट देती है। अभी बकायेदाराें का कनेक्शन काटने का अभियान भी चला रही है। अन्य कार्रवाई की चेतावनी भी दे रही है। लेकिन ये सारी हनक कंपनी की सरकारी विभागाें पर बेअसर हाे रही है।
चला रहे हैं अभियान
सरकारी विभागों पर बिजली बिल एक साै कराेड़ से अधिक रुपए बकाया है। कंपनी बिल भेजती है, लेकिन सरकार की तरफ से आवंटन मिलने के बाद ही विभाग बिल जमा करते हैं। बकाया बिल वसूली के लिए अभियान चलाया जा रहा है। -श्रीराम सिंह, अधीक्षण अभियंता, बिजली कंपनी

जानिये, किस विभाग पर कितना बिजली बिल है बकाया

  • नगर निगम- 108 करोड़
  • जिला प्रशासन- दो करोड़ 25 लाख
  • पुलिस विभाग- दो करोड़
  • पीएचईडी विभाग- 1 करोड़ 95 लाख
  • टीएमबीयू- 96 लाख 5 हजार
  • शिक्षा विभाग- 23 लाख 15 हजार
  • मेडिकल कॉलेज- 1 करोड़ से अधिक
  • सीटीएस, नाथनगर- 75 लाख
  • माेजाहिदपुर थाना- 46 लाख
  • तिलकामांझी थाना- 41 लाख 61 हजार
  • नाथनगर थाना- 21 लाख 61 हजार


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119 crore electricity bills outstanding on 7 departments, so one grid and seven sub-stations would become
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