प्रखंड की गोबरांय पंचायत में चल रही विभिन्न योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई है। जनप्रतिनिधियों की शिकायत के बाद प्रशासन इन मामलों की जांच कर रहा है। अब एक नया मामला सामने आया है। मनरेगा याेजना में कराए गए कार्य में 3500 मजदूरों को दो माह से भुगतान नहीं किया गया है। इसी बीच काम भी बंद हो गया।
इससे मजदूर बेरोजगार हो गए हैं और उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गुरुवार को मजदूरों का गुस्सा फूट पड़ा और वे बकाये मजदूरी की मांग को लेकर पंचायत मुख्यालय पहुंचे। वहां मौजूद मुखिया मंजू देवी का घेराव किया। इस दौरान मजदूरों ने दो घंटे तक हंगामा किया। मजदूर मुखिया का घेराव कर मजदूरी दो के नारे लगा रहे थे।
आक्रोशित लोगों ने मनरेगा के अफसरों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। ओड़ाचक के प्रकाश सिंह, सुरेंद्र सिंह, मोहनपुर के सुबोध सिंह, किरण देवी आदि ने बताया कि न मजदूरी का भुगतान हो रहा है न काम मिल रहा है। वहीं राहुल नगर के विभाष तांती, ओड़ाचक के महेंद्र यादव, श्यामलाल, दिवाकर, बीरेंद्र ने कहा कि मनरेगा से स्वयं मवेशी शेड का निर्माण किया।
एक वर्ष बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है। आरोप लगाया कि जिम्मेदार जानबूझकर हमें परेशान कर रहे हैं। दो घंटे बाद मुखिया और उनके पति पूर्व मुखिया दीपक कुमार ने जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिए, तब लोग शांत हुए।
मजदूर बोले-जिम्मेदारों ने मचाई लूट, खामियाजा हम भुगत रहे
प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने कहा कि पंचायत में चल रही विभिन्न योजनाओं में जिम्मेदारों ने लूट मचाई। लाखों डकार गए। वे तो मालामाल हो गए, लेकिन इसका खामियाजा हम मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है। जांच के नाम पर प्रशासन दो माह से काम रोक दिया है। लॉकडाउन के कारण पहले से ही हमारी स्थिति दयनीय है। जब काम शुरू हुआ तो रोजी-रोटी चलने की उम्मीद हुई। लेकिन जिम्मेदारों ने हमारे पेट पर लात मार दी। हम दाने-दाने को मोहताज हैं।
7 दिन में भुगतान नहीं होने पर करेंगे आंदोलन
मजदूरों ने चेतावनी दी है, कि यदि एक सप्ताह में भुगतान व काम नहीं मिला तो मनरेगा कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन के अलावा हम सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे। कहा, हम भूखों मर रहे हैं, लेकिन हमारी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। वहीं मुखिया मंजू देवी का कहना है कि मनरेगा में एक करोड़ का भुगतान बकाया है। 80 लाख की योजना पर प्रशासन ने रोक लगा दी है।
इस कारण मजदूरों का पेमेंट नहीं हो सका है। पंचायत समिति सदस्य पुरुषोत्तम कुमार हर योजना पर आपत्ति दर्ज कर कार्य बाधित कर रहे हैं। पीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि मुझे योगदान किये महज कुछ ही दिन हुए हैं। मजदूरों को हर हाल में काम दिया जायेगा। भुगतान क्यों रोका गया है, इसे देखकर समस्या का निदान शीघ्र किया जाएगा।
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