एक दिन पहले रिटायर हुए बीसीई के प्राचार्य डाॅ. निर्मल कुमार पर मानदेय के मनमाने वितरण के मामले में विभागीय कार्यवाही चलेगी। साइंस एंड टेक्नालाॅजी विभाग के संयुक्त सचिव ने इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य जांच आयुक्त काे जांच संचालन पदाधिकारी और बीसीई के अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक प्राे. शशांक शेखर काे उपस्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया है।
डाॅ. निर्मल कुमार पर आराेप है कि एक परीक्षा में उत्तर पुस्तिका और छात्राें के बैठने की व्यवस्था के लिए मिले पैसे का वितरण मनमाने ढंग से कर दिया। जब इसका खुलासा हुआ ताे पैसे शिक्षकाें व कर्मचारियाें काे भी दे दिया। मैटेरियल टेस्टिंग में मिली राशि का भी मनमाने ढंग से वितरण कर दिया। संयुक्त सचिव ने जारी पत्र में डाॅ. निर्मल कुमार से आराेप पत्र (प्रपत्र क) में गठित आराेपाें पर 15 दिन में स्पष्टीकरण मांगा है।
वह संचालन अधिकारी के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। उनपर मानदेय के मनमाने तरीके से वितरण का आराेप 2018 में लगाया गया था। उस समय वह बीसीई भागलपुर के नियमित प्राचार्य थे। आराेप काॅलेज के सहायक प्राध्यापक (असैनिक) विनय कुमार सिंह ने लगाया था। इसके बाद 26 जुलाई 2018 काे विभागीय कमेटी ने इसकी जांच की थी।
समिति की रिपाेर्ट के आधार पर डाॅ. निर्मल कुमार से 23 जून, 2020 काे शाेकाॅज किया गया था। तब वह गया इंजीनियरिंग काॅलेज के प्राचार्य थे। उन्हाेंने शाेकाॅज का जवाब 26 जून काे दिया था जाे संताेषजनक नहीं था। इसके बाद उनपर आराेप पत्र गठित किया गया क्याेंकि आराेप काे प्रथम दृष्टया सही पाया गया था।
यह मुझे फंसाने की काेशिश है
यह राशि के गबन से जुड़ा मामला नहीं है। यह जांच के लिए भेजा गया है। मुझे फंसाने की काेशिश की गई है। जांच के बाद सच सामने आ जाएगा। -डाॅ. निर्मल कुमार, पूर्व प्राचार्य, बीसीई
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