अर्चना दत्त का ट्वीट
नई दिल्ली: दूरदर्शन की पूर्व महानिदेशक अर्चना दत्ता ने अपने एक घंटे के अंतराल में अपने पति और मां को खो दिया। उन्होंने इन दोनों को समय पर अस्पताल में भर्ती करवाने के लिये यहां से वहां भटकती रही पर अपने पति और मां को नहीं बचा सकी। 27 अप्रैल को मालवीय नगर के सरकारी अस्पताल में उनकी मृत्यु के बाद दोनों को कोविड को पॉजिटिव बताया गया था।
श्रीमती दत्ता ने मंगलवार को एक ट्विटर पोस्ट में अपने दर्द को बयां किया है।
https://twitter.com/ArchanaDatta54/status/1389065372645543938?s=19
"मेरे जैसे कई लोगों ने शायद सोचा कि यह उनके साथ नहीं हो सकता! लेकिन ऐसा हुआ! मेरी माँ और पति, दोनों, बिना किसी इलाज के मर गए। हम दिल्ली के सभी शीर्ष अस्पतालों में पहुँच पाने में असफल रहे। मुलाक़ात! हाँ, मृत्यु के बाद उन्होंने इन दोनों को COVID पॉजिटिव बताया। बताते चलें कि श्रीमती दत्त , “प्रतिभा पाटिल के राष्ट्रपति रहते राष्ट्रपति भवन की प्रवक्ता रह चुकी हैं।
उनके पति 68 वर्षीय पति ए आर दत्ता, रक्षा मंत्रालय के प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक रह चुके थे, उनकी माँ बानी मुखर्जी 88 वर्ष की थीं, इस परिवार की कहानी राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन और अस्पताल के बिस्तरों के संकट को रेखांकित करती है।
"मेरे बेटे ने दोनों मरीजों को दक्षिणी दिल्ली के विभिन्न निजी अस्पतालों में भर्ती करवाने की कोशिश की परन्तु असफल रहे। आखिरकार, मालवीय नगर के एक सरकारी अस्पताल ने उन्हें भर्ती कराया, जहां उनकी मृत्यु हो गयी।
उनका बेटा अभिषेक, जो अपने पिता और दादी को इस अस्पताल से उस अस्पताल लेकर दौड़ते रहे ताकि उन दोनों के घटते ऑक्सीजन लेवल को रोका जा सके पर क्या पता था कि वो इस संकट से बाहर नहीं लौट पाएंगे।अभिषेक ने बताया कि मालवीय नगर अस्पताल में पहुंचने के तुरत बाद उनके पिता को ब्रॉउट डेड कह घोषित कर दिया। हालांकि मौजूद चिकित्सकों ने उनकी नानी को बचाने की हर सम्भव कोशिश की परन्तु 1 घण्टे की कोशिशों के बाद चिकित्सकों ने हार मान ली।
इस घटना के एक सप्ताह बाद बेटे अभिषेक को छोड़कर परिवार के बाकी सदस्य भी कोविड पॉजिटिव डिक्लेअर हुये हैं। डर यह है कि त्रासदी फिर से बढ़ सकती है क्योंकि ऑक्सीजन की स्थिति में सुधार के कोई संकेत नहीं दिखाई देते।
श्रीमती दत्त न आगे कहा "मैं अपनी माँ और पति के लिए शोक भी नहीं मना पाई हूँ। मेरी भतीजी के ऑक्सीजन लेबल कम है और मेरे बेटे को ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए इधर-उधर भागना पड़ता है। हम उसकी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहते क्योंकि हम जानते हैं कि संक्रमित होने पर हमें किसी अस्पताल मे जगह नहीं मिलने वाली है।" श्रीमती दत्ता एक भारतीय सूचना सेवा अधिकारी हैं, जो 2014 में दूरदर्शन के महानिदेशक, समाचार के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।
श्रीमती दत्ता की त्रासदी उनकी भारत की राष्ट्रीय राजधानी में सामने आने वाली कई त्रासदियों में से एक है, जहां बुनियादी ढांचा दैनिक मामलों और संख्याओं से निपटने में असमर्थ है, और जहां अस्पताल हर दिन ऑक्सीजन की तीव्र कमी के बारे में एसओएस संदेश भेजते हैं।