आपका अंदेशा शायद सही भी हो सकता है।पश्चिम बंगाल के चुनाव में मोदी शाह नड्डा की तिकड़ी को मिली करारी हार के बाद पश्चिम बंगाल में हो रही लगातार हिंसा को देख यह लगता है कि मोदी और शाह ऊनी हार को इतनी आसानी से पचाने वाले नहीं हैं।
पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा का इतिहास बहुत पुराना है।1977 के पहले सिद्धार्थ शंकर रे के जमाने में सत्ताधारी दल के निशाने पर वामपंथी हुआ करते थे।1977 में वाम फ्रंट की सरकार बनने पर यही आरोप वामपंथियों पर लगे।2011 में जब ममता बनर्जी सत्तासीन हुई तो टीएमसी हमलावर की भूमिका में और वामपंथी खासकर सीपीएम के कार्यकर्ता मार खानेवाले की भूमिका में आ गए।
1014 में मोदी के PM बनने के बाद लुटे पिटे वामपंथी समर्थकों ने भाजपा का दामन थामना शुरू किया तो 2018 के पंचायत चुनाव आते आते तृणमूली गुंडों के निशाने पर भाजपाई व माकपाई दोनों आ गए।इस बार माकपाई शांत रहे और भाजपा के नेता अपने कार्यकर्ताओं में 2 मई दीदी गयी की हवा भरकर उन्हें उछलवाते रहे ।किसी ने 2 मई के बाद टीएमसी कार्यकर्ताओं को शमशान का रास्ता देखने की धमकी दी तो किसी ने कुछ और कहा।चुनाव परिणाम ने मोदी शाह की हवा निकाल दी।विधानसभा में उनके सीट जरूर बढ़े पर 2019 लोकसभा के तुलना में इनके वोटों में गिरावट देखने को मिली।
अब भाजपा के नटवरलाल गुस्से में हैं,पश्चिम बंग की जारी हिंसा का प्रतिरोध कर रहे हैं दिल्ली का भाजपा सांसद तृणमूल के सांसदों,विधायकों को दिल्ली आने पर पिटाई की धमकी दे रहा है।कुछ लोग सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कर रहे हैं।केंद्र सरकार ने जनता के पैसे का दुरुपयोग करते हुए पश्चिम बंगाल के तमाम भाजपा विधायकों को X/Y/Z श्रेणी की सुरक्षा मुहैया करवाई है।
दोनों ओर से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।भाजपा के समर्थक और आई टी सेल वाले लोकतांत्रिक फैसले से सहमत नहीं हैं।उनका मानना है कि भाजपा की हार में पश्चिम बंगाल कमुसलमानों खासकर रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों ने जबरदस्त भूमिका निभाई है। उन्हें जनभावनाओं की कोई कद्र ही नहीं है।
हमें भी लगता है कि अगले कुछ वर्षों में अगर ममता बनर्जी संभल कर नहीं चली तो भाजपा पश्चिम बंगाल के सौहार्द को बिगाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी। शेष भारत में पश्चिम बंगाल की तुलना नहीं कि का सकती है परन्तु इस बार लगता है उन्हें राहु केतु दोष लग गया है।आगामी वर्षों में ये राहु व केतु पश्चिम बंगाल को कश्मीर जैसा बताने की कोशिश कर सकते है